बहुत समय पहले की बात है, एक किसान के खेत में एक छोटा-सा बीज पड़ा था। वह बीज दूसरों से थोड़ा अलग था। बाकी बीज तो जल्दी अंकुरित हो गए, पर यह बीज मिट्टी में ही पड़ा रहा। हर कोई उसका मज़ाक उड़ाता – “तू कभी पेड़ नहीं बन पाएगा!”
बीज को दुख तो होता, लेकिन उसने हार नहीं मानी। उसने धीरे-धीरे मिट्टी के नीचे से ताक़त बटोरना शुरू किया। वह सोचता, “मेरा समय ज़रूर आएगा।”
कुछ समय बाद, जब बाकी पौधे तेज़ गर्मी में मुरझाने लगे, तब उस बीज से एक मजबूत अंकुर फूटा। अब वह ज़मीन में गहराई तक जड़ें फैला चुका था। उसे अब तेज़ धूप, बारिश, तूफान से डर नहीं लगता था।
वर्षों बाद वही बीज एक विशाल वटवृक्ष बन गया, जिसकी छांव में लोग विश्राम करने लगे।
- सीख
संघर्ष चाहे जितना भी बड़ा हो, अगर आपकी जड़ें मजबूत हैं और आपने धैर्य नहीं खोया, तो आप जरूर सफल होंगे।